Skip to main content

Posts

Showing posts from January, 2017

नकलची कौवा - Motivational Hindi Story

एक समय की बात है के पहाड़ की एक चोंटी पर एक बाज़ रहता था और वहां ही एक पेड़ पर एक कौआ रहता था। कौवा बहुत आलसी स्वभाव का था वो भोजन की तलाश में मेहनत भी नहीं करता था। वो हमेशा आराम से खाने के बारे में सोचा करता था वो बाज़ को शिकार करते देखता और मन ही मन सोचता के अगर वो भी बाज़ की तरह शिकार करना सीख जाये तो वो उसी पहाड़ी के नीचे रहने बाले खरगोश का शिकार कर सकता है और कई दिनों तक वो आनंद से खाने का मजा लेगा। खरगोश के शिकार को लेकर कौवे के मुंह पानी आने लगता। एक दिन कौवे ने तय कर ही लिया के वो बाज़ की तरह खरगोश का शिकार करके ही रहेगा। अगले दिन कौवे ने खरगोश को देखते ही पहाड़ी से उंची उडारी भरी। कौवे ने तेज़ी से नीचे की तरफ उड़ारी भरी और उसे झपटा मार कर उसे पकड़ने की कोशिश की और दूसरी तरफ ख़रगोश ने कौवे को देखते ही एकदम पहाड़ी में जाकर छुप गया। कौवा बड़ी तेज़ी से नीचे की तरफ आ रहा था और वो चटान से टकरा गया और कौवा वहीँ मर गया। शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है के हमें कभी भी बिना सोचे समझे किसी की नकल नहीं करनी चाहिए हमें अपनी कुशलता और क्षमता पर ही ध्यान देना चाहिए। निवेदन : द

हाथी और चूहा प्रेरक कहानी - Motivational Story In Hindi

बहुत पुरानी बात है के एक जंगल में एक बड़े से पेड़ के नीचे कुछ चूहे रहते थे । उन्होनो ने वहां पर अपने घर बनाये हुए थे । पेड़ के पास से ही एक नदी बहती थी । सारे चूहे आपस में प्यार से रहते थे । एक दिन हाथियों का झुण्ड नदी में पानी पीने आया हाथी झुण्ड में कुछ ज्यादा थे । इसलिए हाथियों ने नीचे कुछ भी नहीं देखा यो भी सामने आया उसे कुचल डाला इसमें कई चूहों के घर तवाह हो गए कुछ चूहे भी मारे गए इतना ज्यादा नुक्सान हो चूका था, चूहों ने एक दिन सभा बुलाई। जिसमे चूहों ने अपने सरदार चूहे से कहा के वह जाकर हाथियों के सरदार से बात करे के किस तरह उनके साथियों ने उनके सारे घर तबाह कर दिए और उनका बहुत नुकशान किया है । चूहों का सरदार हाथियों के सरदार के पास गया और उसने निम्रता पूर्ण बेनती की के उनके साथी हाथियों ने उनका कितना नुक्सान किया है । हाथियों का सरदार बहुत दयालु था। इसलिए उसने कहा के आगे से तुम्हे कोई भी हाथी तंग नहीं करेगा और ना ही कोई नुक्सान करेगा और इस तरह चूहों के सरदार ने भी कहा के जब कभी भी हमारी जरूरत पड़े तो हमें जरूर याद करना । इस तरह चूहों का सरदार खुश होकर अपने घर वापिस आ गया अब उसने स

नन्ना परिंदा - Motivational Hindi Story

बहुत समयों पहले की बात है के एक बहुत बड़ा और घना जंगल हुआ करता था। गर्मियों के दिन थे जंगल में जानवरों की पहल कदमी हो रही थी। अचानक ही आग से जलती अंगारी जंगल में जा गिरी और जंगल में भयानक आग लग गई। जंगल के सभी जानवर जंगल में अपनी जान बचाने के लिए इधर – उधर भागने लगे। आग के कारन पूरे जंगल में भगदड़ मच गई जंगल के सभी जानवर अपनी जान बचाने के लिए दोड़ रहे थे। उस जंगल में पेड़ पर एक नन्ना परिंदा रहा करता था जब उसने देखा के पूरे जंगल में आग लग गई है और उसने जंगल के सभी जानवरों और लोगों को आग से भयभीत होकर दोड़ते हुए देखा तो उस नन्ने परिंदे ने उन सब की मदद करने का निश्चय किया। मदद के इरादे से वो जल्दी ही पास की एक नदी में गया और उसने अपनी चोच में पानी भर लिया और जंगल की आग में डालने लगा। वो बार – बार नदी में जाता और नदी से अपनी चोंच में पानी भरता और जंगल में आकर आग में डाल देता। नदी के पास एक पेड़ पर बैठा एक कौवा यह सब कुछ देख रहा था और उसने पास से गुजरते परिंदे को बोला तुम कितने मूर्ख हो इतनी भयानक आग को चोंच में पानी भरकर कैसे बुझाया जा सकता है। तुम इस आग को कभी नहीं बुझा सकते । यह स

जिंदगी संतुलन बनाए रखने का खेल है-Best Motivational Story in hindi

आपने सर्कस में तनी हुई रस्सी पर चलने वाले व्यक्ति को देखा होगा। जरा कल्पना कीजिए उस तनी रस्सी पर चलने वाले व्यक्ति की। गद्दे से ढकी फर्स से कुछ फुट ऊपर रस्सी पर एक व्यक्ति खड़ा है। उसका उद्देश्य रस्सी के एक छोर से दूसरे छोर तक चलना है। अपना संतुलन बनाये रखने के लिए उसके हाथ में डंडा है। उसने अपने कंधो पर एक कुर्सी संतुलित की है और उस कुर्सी पर एक महिला बैठी है जिसने अपने माथे पर एक छड़ को संतुलित की है और उस छड़ पर एक प्लेट रखी है। वह रस्सी पर चलने वाला व्यक्ति या कलाकार तब तक काम प्रारम्भ नहीं करता जब तक की उसके ऊपर रखी सारी चीज़े ठीक से जम नहीं जाती। इसके बाद हे वह धीरे धीरे और सावधानीपूर्वक दूसरे छोर पर जाने के लिए चलना प्रारम्भ करता है। लेकिन चलते चले अगर उसे महसूस होता है की संतुलन बिगड़ रहा है तो वह थोड़ा रुक कर फिर से संतुलन बनता है। उस रस्सी पर चलने वाले व्यक्ति के लिए संतुलन ही सबकुछ होता है। अगर वह संतुलन बनाए रखने में असफल हो जाए तो वह निश्चित ही गिर जाएगा। इसी तरह जिंदगी भी बहुत हद तक संतुलन बनाए रखने का खेल है वार्ना निचे गिरने में वक़्त नहीं लगता। हम अपने उद्देश्यों के साथ अ

मन को शांति और हमे सफलता कैसे मिलेगी-Motivational story in hindi

आज की दुनिया में हर इंसान सिर्फ अपना अपना देखने में लगा है। किसी को भी किसी और की चिंता नहीं है। थोड़ी सी भी दया आज किसी में बची नहीं है कभी धर्म के नाम पर लड़ रहे है तो कभी दौलत और लालच के नाम पर तो कभी अमीरी गरीबी के नाम पर ,….बस एकता और भाईचारे को तो जैसे हमने ज़मीं में दफ़न ही कर दिया है। दोस्तों वाकई अगर हम सब एक हो जाए तो किसी देश की इतनी हिम्मत नहीं की वो हमारी तरफ आँख उठा कर भी देख सके घर में घुसने की तो बात ही छोड़ दो । बस एक बार अगर हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आपस मे है सब भाई भाई का नारा एक आवाज में लग जाए और हम सब देश के प्रति ,लोगो के प्रति, समाज के प्रति परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझ ले दोस्तों और जान ले की अगर हम सब एक साथ नहीं रहे तो हमारा देश और हम सब अपनी ताकत खो देंगे। शायद हम खुद ही अपने देश, अपने संस्कार , अपने समाज और अपने आप को खोखला और कमजोर कर रहे है। कोशिश करता हूँ एक कहानी के माध्यम से समझने की – एक बार एक शरीर की सारी इन्द्रियाँ एकमत हुई और हड़ताल कर दी | इन्द्रियाँ मानती थी कि वो अथाह मेहनत करती है लेकिन फिर भी उन्हें उनका श्रेय नहीं मिलता और उन्होंने