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जिंदगी संतुलन बनाए रखने का खेल है-Best Motivational Story in hindi

आपने सर्कस में तनी हुई रस्सी पर चलने वाले व्यक्ति को देखा होगा। जरा कल्पना कीजिए उस तनी रस्सी पर चलने वाले व्यक्ति की। गद्दे से ढकी फर्स से कुछ फुट ऊपर रस्सी पर एक व्यक्ति खड़ा है। उसका उद्देश्य रस्सी के एक छोर से दूसरे छोर तक चलना है। अपना संतुलन बनाये रखने के लिए उसके हाथ में डंडा है। उसने अपने कंधो पर एक कुर्सी संतुलित की है और उस कुर्सी पर एक महिला बैठी है जिसने अपने माथे पर एक छड़ को संतुलित की है और उस छड़ पर एक प्लेट रखी है।
वह रस्सी पर चलने वाला व्यक्ति या कलाकार तब तक काम प्रारम्भ नहीं करता जब तक की उसके ऊपर रखी सारी चीज़े ठीक से जम नहीं जाती। इसके बाद हे वह धीरे धीरे और सावधानीपूर्वक दूसरे छोर पर जाने के लिए चलना प्रारम्भ करता है।
लेकिन चलते चले अगर उसे महसूस होता है की संतुलन बिगड़ रहा है तो वह थोड़ा रुक कर फिर से संतुलन बनता है। उस रस्सी पर चलने वाले व्यक्ति के लिए संतुलन ही सबकुछ होता है। अगर वह संतुलन बनाए रखने में असफल हो जाए तो वह निश्चित ही गिर जाएगा।
इसी तरह जिंदगी भी बहुत हद तक संतुलन बनाए रखने का खेल है वार्ना निचे गिरने में वक़्त नहीं लगता। हम अपने उद्देश्यों के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे है। और अपनी जिंदगी में अलग अलग चीज़ो जैसे -पैसे , रिश्ते नाते , दोस्ती , समय के बीच संतुलन बनाते हुवे आगे बड़ रहे है।
हमसे ज्यादातर लोगो का संतुलन पैसो को लेकर ही बिगड़ता है। अगर हमारे पास प्रयाप्त धन न हो तो तो हमारा जीवन धन के पीछे भागने और दौड़ने वाला बन जाता है और हम उसी कार्य में लग जाते है।
हम अपने सारी ताकत को अपनी वित्तीय अवस्था सुधारने में लगा देते है। इस स्थिति में हम अपने परिवार , अपने दोस्तों , अपनी आध्यात्मिक और अपनी मानसिक आवश्यकताओं , यहाँ तक की अपने स्वास्थ की ऊर्जा को भी छीनकर लगाने लगते है। और ऐसी स्थिति में हम अपना उद्देश्य लक्ष्य को बिलकुल भूल जाते है और बस एक हे चीज़ ध्यान रहती है की बस किसी भी तरह अपनी आर्थिक स्तिथि को सुधार ले ताकि जीवन की गाड़ी पटरी पर आजाए इसके बाद हम अपनी सारी ताकत जीवन के तमाम दूसरे पहलुओ को सुधारने में लगा देंगे।
दोस्तों जीवन में संतुलन जरुरी है अगर आज आप एक पहलु पर ध्यान देते है और दूसरे पहलु पर ध्यान नहीं देते तो निश्चित ही आपका संतुलन बिगड़ेगा और आप जमीं पर होंगे। जीवन के हार पहलु को महत्व दो और सभी के बीच संतुलन बनाते हुए आपने लक्ष्य को प्राप्त करे। ऐसा करने पर आप पाएंगे की आपका जीवन कितना सुखमय है।

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